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Monday 14 February 2022

जीवन के दो हैं किनारे

जीवन के दो हैं किनारे 


जन्म और मृत्यु, जीवन के दो हैं किनारे

जीवन की नैया चलती है साँसों के सहारे

. 

जीवन का हर पल है कीमती

मृत्यु जीवन के चारों ओर घूमती,

जीवन की यात्रा धीरे धीरे आगे बढ़ती

सुख दुःख संघर्षों को अपने में समेटती

पुण्य पाप सुख दुःख सभी हैं हमारे

जीवन की नैया चलती है साँसों के सहारे   

 

बहुत मुश्किल से मिलता है मनुष्य जन्म

अनेक जन्मों में घुमाते हैं अपने ही कर्म  

मनुष्य जन्म अनमोल, नहीं इसमें कोई भरम

मानवीय गुणों को पाना ही अपना है धर्म  

धैर्य, संयम, सत्य, साहस जीवन के सितारे

जीवन की नैया चलती है साँसों के सहारे

.  

समय आगे बढ़ता रहता है निरन्तर

बचपन, जवानी, बुढ़ापा आते हैं कालान्तर  

खेल, पढाई, रोज़गार में समय बीते अधिकतर

जन्म से मृत्यु तक आते हैं बहुत अन्तर  

परोपकार और भलाई से जीवन को संवारे

जीवन की नैया चलती है सांसों के सहारे   


भाग्य और पुरुषार्थ है जीवन की धुरी

जीवन का कोई लक्ष्य बनाना है जरूरी

पुण्य कार्यों से दूर रहने की हो मजबूरी

अच्छा इन्सान बने बिना जीवन की यात्रा है अधूरी

अपने मनुष्य जन्म को व्यर्थ गंवां रे

जीवन की नैया चलती है साँसों के सहारे 

 

Sunday 26 August 2012

Nature's Anger and Revenge

प्रकृति ने अपना क्रोध है दिखाया

प्रकृति ने अपना क्रोध है दिखाया,
रेगिस्तान में भी जल का सैलाब आया |


जल का सम्मान है आज जरूरी,
जल को व्यर्थ बहाने की न हो मजबूरी,
जल और मनुष्य में न हो कोई दूरी,
जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी,
जल ने भयंकर रूप ले बाढ़ बनकर दिखाया,
रेगिस्तान में भी जल का सैलाब आया |


जल का यदि होगा अपमान,
मुश्किल होगी बचानी हमको जान,
जल की कमी से न उगेगा धान,
अति वृष्टि से भी दुखी होगा इंसान,
कहीं सूखे, कहीं बाढ़ ने किसान को रुलाया,
रेगिस्तान में भी जल का सैलाब आया |


महाराष्ट्र में सूखा तो राजस्थान में बाढ़ बनकर आया,
देश ही नहीं, पूरे विश्व में जल ने हाहाकार मचाया,
यूरोप से मुँह मोड़ा और सूखे से उसे सताया,
अमेरिका, चीन आदि देशों में तूफ़ान बन कहर ढाया,
बाढ़, तूफ़ान, सुनामी के रूपों में अपना क्रोध दिखाया,
रेगिस्तान में जल भी का सैलाब आया |


हमारी संस्कृति ने जल को सम्मानीय माना,
पर हमने जल की शक्ति को नहीं जाना,
प्रदूषण फैला, बाँधों में रोक, किया मनमाना

स्वार्थ का हर समय गाते रहे गाना ,
विकराल रूप से जल ने मानव को चेताया,
रेगिस्तान में भी जल का सैलाब आया


Nature protects if she is protected.

Love Nature,     respect nature.