Monsoon, Come soon
मानसून अब आ भी जाओ
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इतना मत इन्तजार कराओ,
मानसून अब आ भी जाओ ।
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पानी की फुहारें ले आओ,
प्यासी धरती की प्यास बुझाओ,
किसानों की उम्मीद जगाओ,
बारिश का मौसम बनाओ,
ठंडी – ठंडी हवा चलाओ,
मानसून अब आ भी जाओ ।
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पूर्वोत्तर में तुम बरस गए हो,
पर वहाँ पर क्यों अटक गए हो,
क्या तुम रास्ता भटक गए हो ?
जो पहाड़ों में लटक गए हो,
गर्मी से हमें राहत दिलाओ,
मानसून अब आ भी जाओ ।
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सूख रही हैं नदियाँ सारीं,
पानी की है मारा मारी,
गर्मी पड़ रही है सब पर भारी,
चिड़ियों की बंद है किलकारी,
थोड़ी सी तो दया दिखाओ,
मानसून अब आ भी जाओ ।
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पेड़ों की हरियाली सूख गई,
घास भी हँसना भूल गई,
प्रकृति भी हमसे रूठ गई,
इन्तजार की घड़ियाँ छूट गईं,
सबको मत इतना तरसाओ,
मानसून अब आ भी जाओ ।
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